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Sep 18, 2013

"नारी"


Shaifali Gupta_ guptashaifali.blogspot.com

हर सरगम में 
तेरा सुर,
हर शब्द में 
तेरा अर्थ,
हर झंकार में 
तेरी सीरत,
हर मूरत में 
तेरी सूरत .

हर अग्नि में 
तेरा सूरज,
हर सागर में 
तेरा शोर,
हर दरख़्त में 
तेरा बसेरा,
हर बादल में 
तेरी बरखा .

हर पन्ने में 
तेरी खुशबू,
हर लेखनी में 
तेरा भाव,
हर मंजिल में 
तेरी जुस्तजूं,
हर प्रार्थना में 
तेरी भक्ति. 

हर स्पर्श में 
तेरा प्रेम,
हर स्पंदन में 
तेरा एहसास,
हर धड़कन में 
तेरा नाम,
हर जन्म में
तेरा साथ. 


विश्व हिंदी संस्थान की मासिक ऑनलाइन पत्रिका - प्रयास ने जुलाई २०१३ में नार्थ अमेरिका में निवास कर रहे हिंदी कवियों की रचनायें प्रकाशित की. मेरी यह कविता उसी अंक में शामिल हुई. 

4 comments:

  1. Shaifali...the words that are forming in my thoughts is also in my mother tongue...only thing I have not yet tried the Hindi fonts. So let me first use what I normally use and Congratulate you...way to go girl!
    Now for the composition- Atee Sundar!
    Then have u become too visit to visit my page and leave ur signature there??
    Pls do I miss you whenever I am there.
    Great Going and I wish you many many more of such accolades. :)

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  2. I miss coming to your blog too Shivani! I will be there very soon. In fact read the post where you put some plant in that Conch shell...lovely.

    Thanks for being here for my words. I am very happy.

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  3. खुशबू जूस्‍तजू स्‍पंदन को सरगम के साथ हर जन्‍म में तलाशने का प्रयास अच्‍छा है

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  4. खुशबू जुस्‍तजू स्‍पंदन को सरगम के साथ हर जन्‍म में तलाशन का प्रयास अच्‍छा है

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