Aug 4, 2017

इंतजार


बहुत दिन गुजरे 
मैंने उन गलियों का फेरा नहीं किया 
जिन पर उगे नीम की निम्बोलियाँ 
फोड़ते पिचकाते बिताई हमने
जाने कितनी जेठ की दोपहरें।

लाखों अरबों लम्हे बीत गये
नहीं चखा मोहब्बत का वो जाम,
जानते हो न 
तुम ही थे वो स्वाद 
वो मधुशाला का मधु 
और मेरा प्याला।

बीती सदियाँ, 
गर्मियों में तुम्हारे
पैरों का मखमल 
नहीं टकराया मेरे पैरों से,
बहुत रातें बीत गयी 
मैंने नहीं ओढ़ा तुम्हें
जाने कितनी शीत ऋतुयें आई-गई 
गरमाई जाने कहाँ गुम हुई…. 

बीतती रही घड़ियाँ 
गुजरती हुई निकली सदियाँ 
मैं आज भी वही खड़ी 
लेकर हाथ में खाली प्याला 
शायद कभी वो रस फिर से 
होठों तक आये 
जिसका स्वाद होठों से रूह तक 
छूकर सदियाँ मीठी कर गया। 


Image Courtesy: Google Images, a Painting by Hemant Majumdar. 

Jul 28, 2017

अम्मा का दरवाजा!


वो जो बड़ा-सा दरवाज़ा था
जिसमें दमकते थे लाखों सूरज हर पल में
जिसमें दिखाई देता था चाँद का शीतल अक्स
जिसमें झरने की कल-कल, समुद्र का फेन दोनों ही साथ निभाते थे,
जिसमें हाथों की लकीरों के कोई मायने न थे
बस था हौसला, विश्वास और नित-नयी उम्मीदें।

मालूम पड़ता है
वो स्रोता किसी मायूस हुए दरीचे-सा वीरान पड़ा है
अब कोई वहाँ आता जाता नहीं,
कोई पुकार, कोई हँसी-मुस्कराहट नहीं,
कोई रौशनी नहीं जन्मती हरी दूब-सी कोमलता,
सूखे पत्तों पर भी कोई सरसराहट नहीं,
शांत, वीरान जैसे चाँद हो, एकदम अकेला। ..

हाँ, अम्मा के घर का दरवाज़ा बंद हो रहा
हर दिन, जाती हुई साँसों-प्राणों जैसा
वह घर जहाँ कईओं ने जन्म लिया, रूप-सीरत संजोई
आज अम्मा उसी घर के छोटे, सीलन भरी लकड़ी के नम दरीचे पर
खड़ी ताक रही है शून्य को,
न जाने क्या मांग रही है,
स्वयं के लिए एक नया द्वार या
दरीचे से ही आ जाये एक छटाँक भर रौशनी!


PS: Image Courtesy: Google images

Jul 21, 2017

Time, O time!


Time, O time!
I wonder where you live,
yesterday you were a past tense,
may be in future I will have
you in my hands
because your present tense
seems to slip like sand on a seashore.

I question what did I do to you
did I made you proud with all I am
or disfigured your preciousness.

Often I peep inside
and think hard what did I do with you.
Many a Sun took birth
only to end with dark nights,
they promised time on hand
like nurture in a mother's bosom
where did you elope
whom did you choose
'cos I stand empty handed
with regrets in my heart
and brine in corners of my eyes.

Do you know
I wanted to choose you to marry.
Shattered are the dreams to make a home
adorned with a fulfilling meal 
of happiness topped with contentment
of love living between entwined fingers
and bodies wrapped in satin,
you disappointed me
or may be I left you hopeless,
'cos I look for you each moment
only to, not find you on my bed
or smiling at my breakfast nook.

Time, O time
I promise to be a good gal
like ages ago,
come hold my hand
pat my shoulder
swirl me in the air,
I will laugh and toil
rise to fame and life
like the phoenix, never to vanish,
Time, O time
only if you be mine!

Feb 17, 2017

Dreams, Keep Them Alive Forever!

guptashaifali.blogspot.com


They put fire under its feet
when lifeless, the wings of faith
unable to soar beyond and forever,

They keep it running
when soles rough and chapped
almost ready to give in,

They keep it afloat
falls, ebb, or cry
crushing every spirit to walk,

They are it's guiding light
when the night is dark
days too glaring,

Deep as oceans
High as mountains
Fragrant as lilac
Pure as motherly love
Dreams, they make it worth living!


Our life is what are our dreams are. There are days when we feel like giving up. Slow down we can and we must sometimes, to re-energize ourselves but we must never, ever stop dreaming. For dreams give wings to our life, a reason to live, and flight to our happiness. 

Image Courtesy: Google Images

Feb 16, 2017

चाय और तुम


एक के बाद 
एक और, उसके बाद 
कई और 
चाय की प्यालियों की चुस्कियाँ 
अक्सर मुझे नहीं उबारती 
तुम्हारी यादों की तलब से। 
कम्भख्त ये तो 
मीठी अदरक-वाली चाय 
में भी 
नशा भर देती है 
और दिन ढलने पर रह जाते है 
यादों में डूबे शब्द 
और 
कई खाली पड़े 
चाय के प्याले। 


Image Courtesy: Google Images