Jul 10, 2010

Day 77: 'शिशिर ऋतू'

आंसूँ मोती लगते है
तेरी याद मे जब झलकते है.

यादें खूबसूरत हो जाती है
समेटे तुझे जब चली आती है.

मिटटी महक उठती है
बारिश मे  जब तेरी सीरत होती है. 

दुःख सुख आसान लगते है
जब हाथ तेरा होता है मेरे हाथो मे.

सब खोना जिंदगी मे बेमानी है अब
पाया हो जब तुझे अपने आप मे.

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