आओ मनाये महिला दिवस
कर के इतिश्री इस सम्मान दिवस की
आओ पा ले वर्ष भर की स्वीकृति।
आओ मनाये महिला दिवस
याद करे हम माँ टेरेसा को
स्वर कोकिला और जगत जननियों को
चढ़ाये फूल और मालाएं
जोड़े हाथ ला दिल के करीब
गाये गान अभिवादन-प्रेरणाओं के
आओ मनाये महिला दिवस।
एक ही दिन है ये आडम्बर का
आओ हम तुम होड़ लगाये
देखे कौन करता कितनी नारेबाज़ी
किसे है कितने नाम याद वीरांगनाओं के
आओ देखे कौन जीते ये बाज़ी
मिलते किसे स्वयं ही हार-मालाएं
आओ मनाये महिला दिवस।
इस दिन की जब रात हो अँधेरी
मिल कर करे इसे और भी कारी
पैदा करे निर्भय-दामिनी को
आओ झोके अग्नि-श्रृंगार में बहुओं को
आओ मारे अजन्मी बेटियों को
फिर आराधना करे नव रात्रियों को
आओ मनाये महिला दिवस।
पूछे सवाल तो हमें क्या जवाब देना
ऊँगली उठा कह दे "निमित्त मात्र' हम तो
पूछो महाभारत में क्या हुआ था
क्या कौरवों ने न कुछ शुरू किया था
कोई भाई श्री कृष्ण बन आन बचाये
तो कोई शैतान बन लाज डुबाये
आओ मनाये महिला दिवस।
जग की रीत यह पुरानी
कहे "पुजे जहाँ नारी, देव है बस्ते वहाँ"
आओ हम-तुम लिखे नई परिभाषा
पूजा की विधि बनाये निराली
देवों को नया दे एक रूप
क्या रखा दकियानूसी संस्कारों में
आओ मनाये महिला दिवस।
आओ मनाये महिला दिवस
कर के इतिश्री इस सम्मान दिवस की
आओ पा ले वर्ष भर की स्वीकृति
भर ले दामन पाप से
पीड़ितों कि बेबसियों से
हमें क्या करना दामिनी से
हमारा न नाता जले चेहरों से
या मृत बच्चियों से
हम तो मनाते महिला दिवस
लेने वर्ष भर की स्वीकृति...
आओ आज भी मना ले महिला दिवस!
Image Courtesy: Google Images (Indian beauty)
साल भर के अत्याचारों का इंतजाम ...आज एक दिन मना कर हमारे नाम
ReplyDeleteLoved the tone and intent! Painting is awesome .... Poem is profound and painful !!
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