कभी लगता है थमी है जिंदगी
तो कभी लगता है सवार है रेलगाड़ी पर,
कभी लगता है अच्छी है जिंदगी
तो कभी मिजाज बिगड़ा लगता है इसका,
कभी लगता है जैसे में नाच रही हू
तो कभी लगता है संगीत कही खो गया है.
दूसरो को देख कर, कभी पढ़ कर सीखा है मैंने
अनोखी नहीं मेरी जिंदगी
बिलकुल जिंदगी सी ही है,
क्या मेरी क्या किसी और की
ऐसी ही सी है जिंदगी
एक पल माशा तो एक पल तोला है जिंदगी
लेकिन फिर भी खूबसूरत
अजीज है जिंदगी.
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