एक नए सफ़र पे
मंजिल ले आयी है
तलाश जिसका मकसद
ख़याल जिसके आसरे
ऐसा सफ़र होगा
यह मेरा-तुम्हारा ...
कल्पना में जीवन
विचारों में वजूद
सुरों में सुन्दरता
जिसकी, ऐसा सफ़र होगा
ये नया सफ़र मेरा-तुम्हारा ...
पलकों में खूबसूरती
हाथों में अनुराग
कदमों में समय
जिसके, ऐसा सफ़र होगा
ये नया रिश्ता मेरा-तुम्हारा ...
झरनों की श्वेतता
पेड़ों की हरियाली
गुलाबों की रंगत
जिसमे, ऐसा सफ़र होगा
ये नया एहसास मेरा-तुम्हारा ...
स्याह न कभी हो
बरसे न कभी जो
मुरझाये न कभी वो
ऐसा ये सफ़र होगा
सिर्फ मेरा-तुम्हारा
हां, सिर्फ मेरा-तुम्हारा ...
This poem written straight from my heart, a few days after my engagement. Today on my husband's birthday, a little & very loving present for him.
Image Courtesy- Google
bahut khoob likha hai bhavnayen bahut hi sunder hai
ReplyDeleterachana