Feb 11, 2014

For you Mom!

For a valentine who's loved all the year through and even beyond that. Words fail to show love and affection for her, a little effort to tell her she is the best! I am glad this poem is published in the first quarter of 2014,  in "Hindi Chetna", a literary publication from Canada. A small gift to mom this Valentine....

"माँ- आप" 


आम के बौर-सी 
भीनी-सी माँ,

गर्मी में गुलमोहर-सी 
साहसी-सी माँ,

जेठ की दोपहरी में 
छाँव-सी माँ,

गिरते हुए पलों में 
आशा-सी माँ,

पहाड़ों के गिरते झरनों में 
कलकल-सी माँ,

सुबह-सुबह के पंछियों-सी 
चहचाहट-सी माँ ,

लड़खड़ाते कदमों में 
संबल-सी माँ,

जीवन के रसों में 
शृंगार-सी माँ,

यादों की झलकियों में,
कृष्णा-सी माँ,

संसार के समस्त रूपों में 
आत्मा-सी माँ  

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