Today on my Mom's special day, her birthday, I would like to share this poem with her through my blog. I penned this poem in January 2006 but never showed it to her. But today, when the distance between us is far for me to buy her a gift, I would present her with my affection and respect through
this poem.
जब मुस्कुराती हूँ मैं
तुम मेरी मुस्कराहट में होती हो
मेरे साथ मुस्कुराती हुई.
जब रोती हूँ मैं
तुम्हारी आँखें भी नम देखी है
मेरे साथ रोती हुई.
जब पग उठाती हूँ मंजिल की ओर
होती हो हर आशीष में तुम
मुझे हिम्मत देती हुई.
जब देखती हूँ अपनी लकीरों को मैं
दिखाई देती हो उनमें साथ मेरे
मेरा जीवन बनी हुई.
जब आँखों में काजल सजा होता है
होती हो हर खूबसूरती में
मेरा रूप बनी हुई.
जब चूड़ियों को पहन इठलाती हूँ
होती हो उनकी खनक में आप
खुश होती हुई मेरे साथ.
जब सोचती हूँ,
जब सांस लेती हूँ,
पाती हूँ आपको मेरी धड़कन बने हुए,
मेरे जीवन का सार बने हुए...
...हा, सच कहा किसी ने-
'ईश्वर हर जगह नहीं हो सकता
इसीलिए बनाया उसने माँ को',
इसीलिए तो-
मेरे हर वर्ष में,
हर मास में,
मेरे हर दिन में,
हर क्षण में,
रहती हो माँ आप..
आपको बहुत स्नेह ओर नमन!
माँ के जन्म दिन की ढेरों बधाई....,बहुत ही स्नेह भरी रचना,,,जज़्बातों का बसेरा है,,,पूरी रचना माँ आपके लिए...
ReplyDeleteमाँ के जन्म दिन की ढेरों बधाई....,बहुत ही स्नेह भरी रचना,,,जज़्बातों का बसेरा है,,,पूरी रचना माँ आपके लिए...
ReplyDeleteThat was the best present you could have given to your mom, Shaifali:)Beautiful words of love and affection! Many happy returns of the day and wishing her happiness always!
ReplyDeleteआपकी रचना के एक एक कणों में माँ बसी हुई है . आप सचमुच धन्य हो !
ReplyDeleteयदि आपने 'टिलिंग द अर्थवोमन' की ये रचना न पढ़ी हो तो जरुर पढ़ें :-
http://tillingtheearthwoman.blogspot.in/2011/07/why-i-hesitate-to-call-my-country.html
Why I hesitate to call my country 'motherland?'
ReplyDeleteHope you have narrated this to your mom. Such a beautiful and heart warming poem. Pass on my wishes to her...:)
ReplyDeleteआदरणीया शैफाली जी
ReplyDeleteहार्दिक अभिवादन
रचना पढकर कुछ स्मृतियां ताजी हो गईं। रचना और अभिव्यक्ति बहुत ही सुंदर है-
कोमल भाव युक्त शब्दों का उतनी ही सुन्दर तस्वीर के साथ अद्भुत संयोजन...सादर !!!
ReplyDeleteOh Shaifali...it's coming straight from the heart like always. And i know why i feel lachrymose. i miss her too much...wish i could see and talk to my Ma in my dreams. Her absence stings more than ever because in all my thoughts and my ways i see that i'm exactly like her.She is one with the universe now and i wonder if it is impossible for her to venture into my dreams even.She's there in my thoughts, my actions...but i want to see her, talk to her even if is in dreams. Wonder why Ma dreams are not happening.
ReplyDeleteKindly convey my greetings to Ma too. All i want from Ma is her precious blessings.
hugs
Shivani
मेरी ओर से भी शुभकामनायें दे देना .....अच्छी कविता....सच्ची भावनाओं को बताती रचना.एक माँ के लिए इससे सुन्दर तोहफा कुछ नहीं हो सकता,शेफाली.
ReplyDeletewow i am out of words.. my mother is such an inspiration to me.. she is gone since 8 years now, but every day seems she was with me only yesterday..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर, मीठी और स्नेहसिक्त पंक्तियाँ..सीधे दिल से निकली हुई..बहुत बहुत बधाई.
ReplyDeleteआपकी माँ के लिए ये एक अनमोल तोहफा होगा...
ReplyDeleteएक परफेक्ट बर्थडे गिफ्ट..इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता...
बहुत ही खूबसूरत कविता है!!
touchinggggggggggg!! soft, lovely... hope my daughter is like you when she grows up... you are a gift and your mother is special because you have her genes :) awesome!!
ReplyDeleteplz contact me at rasprabha@gmail.com
ReplyDeletebahut khub ..... shaifali..... bahut khub....
ReplyDeletesalon pahle apani maa ke liye humne bhi likha tha..... yaad aagaya...
link de raha hun padhna... 'meri duniya'
http://bhukjonhi.blogspot.in/2010/05/blog-post_17.html
shayad pasand aaye...
PAHI BAR APKE BLOG PAR AAYA ACHCHA LGA...
KBHI HUMARE BLOG PAR PADHAREN
http://bhukjonhi.blogspot.in/